महज 30 मिनट में छह विधेयक पारित


लखनऊ।  विपश् के हंगामे राज्य ब्यूरो, लखनऊ : विपक्ष के हंगामे के चलते विधानमंडल का शीतकालीन सत्र एक दिन पूर्व गुरुवार को ही खत्म हो गया। नारेबाजी और शोरशराबे के कारण विधानसभा और विधान परिषद में प्रश्नकाल भी नहीं हो सका। विधानसभा स्थगित किए गए प्रश्नकाल की अवधि में मात्र 30 मिनट में ही अनुपूरक बजट समेत छह विधेयक सपा-कांग्रेस की नारेबाजी बीच पारित करा दिए गए।



  • सपा व कांग्रेस का वेल में हंगामा, न हो सका प्रश्नकाल, दोनों सदन स्थगित


सपा-कांग्रेस ने विधानभवन परिसर में दिया धरना राज्य ब्यूरो, लखनऊ : सदन की कार्यवाही शुरू होने से पूर्व कांग्रेस व सपा सदस्यों ने विधानभवन परिसर स्थित चरण सिंह की प्रतिमा के निकट धरना दिया और नारेबाजी की। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में सपा का गुरुवार को जिला केंद्रों में प्रदर्शन था। इसके चलते विधानभवन दोनों सदनों के सपा सदस्य भी धरने पर बैठे। मुख्य गेट के निकट चरणसिंह की प्रतिमा के पास सपाइयों ने सरकार विरोधी स्लोगन लिखी तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया।


उधर विधान परिषद में भी गुरुवार को सदन की कार्यवाही टुकड़ों-टुकड़ों में बमुश्किल सवा घंटे चलीविधानसभा से पारित छह विधेयक विधान परिषद में विपक्षी दलों के शोरशराबे के बीच आखिरी दस मिनट की कार्यवाही के दौरान बिना चर्चा के ही पारित हो गए। गुरुवार को विधानसभा में प्रश्नकाल आरंभ होते ही सदन में नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने नागरिकता कानुन व महिला उत्पीड़न जैसे मसलों पर आक्रोश व्यक्त किया। उनका कहना था कि सपा नेताओं को नजरबंद किया जा रहा है।


उधर सपा व कांग्रेस के सदस्य नारेबाजी उधर सपा व काग्रस क सदस्य नारबाजा करत हुए सदन क वेल में पहुंच गए लेकिन बसपाइ अपना साटा पर बठ रहे। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के ओमप्रकाश राजभर अन्य सदस्य पीली टोपी लगाकर पहुंचे थे जो हंगामे के दौरान अपनी सीट पर खड़े रहे। विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने नारेबाजी कर रहे सपा-कांग्रेस सदस्यों से शांत रहने और अपनी सीटों पर बैठने का आग्रह किया लेकिन हंगामा जारी रहा।


विपक्ष तब बहुत उत्तेजित हो गया जब संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि जनता द्वारा चुने गए विपक्षी सदस्य जन जनता द्वारा चुन गए अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतर रहे हैं। विपक्ष का हल्ला शांत न होते देखकर विधानसभा अध्यक्ष ने प्रश्नकाल स्थगित करके सदन की कार्यवाही आरंभ करा दी। संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने अनुपूरक बजट समेत छह विधेयक पेश किए जिन्हें बिना चर्चा के पारित कर दिया गया। विपक्ष के तेवरों को देख विधानसभा अध्यक्ष ने सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया।